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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Sunday 17 June 2012

इंतजार की घड़िया

इंतजार की घड़िया कभी ख़त्म नहीं होती
हमारी चाहते कभी पूरी नहीं होती
मांगते तो  बहुत कुछ हैं उपरवाले से
पर सब मन्नते पूरी नहीं होती
इंतजार की घड़िया कभी ख़त्म नहीं होती
प्यार तो जाने अनजाने सभी करते  हैं
मगर प्यार में सब को मुकाम नहीं मिलती
इंतजार की घड़िया कभी ख़त्म नहीं होती
हमारी चाहते कभी पूरी नहीं होती

एक कोशिश


एक कोशिश तुम करो
जिद एक मैं करता हूँ
एक आवाज तुम लगाओ
दौर के मैं आता हूँ
एक कार्य तुम करो
आगे देखो मैं आता  हूँ
एक बार तुम आओ
देखो फिर मैं आता हूँ
एक कोशिश तुम करो
जिद एक मैं करता  हूँ

मैं और मेरा शायराना अंदाज-११

१- मुझे क्या जानेंगे जिन्होंने खुद को नहीं जाना  हैं
समझे पहले खुद को जिन्होंने मुझको अब तक नहीं पहचाना  हैं
२- जिन्दगी को वही जाना हैं जिसने जिन्दगी को जिया  हैं
मरने की बात वही किया हैं जिसने जिन्दगी को नहीं जिया  हैं
३-कभी कभी लाख सोचने पर भी कुछ नहीं लिख पाते  हैं
जब कभी कुछ नहीं सोचते तब बहुत कुछ लिख जाते  हैं

मैं और मेरा शायराना अंदाज-१०

१-उनसे मिलने को मन मचलता हैं
एक झलक पाने को दिल तरश्ता  हैं
कब होंगी उन से मुलाकात
ये सोचकर दिल धड़कता  हैं
उनसे मिलने को मन मचलता  हैं
एक झलक पाने को दिल तरश्ता  हैं
२-कोई नहीं करता प्यार किसी से सब छलावा करते  हैं
मत करना प्यार किसी से सब दिखावा करते  हैं

Thursday 7 June 2012

मैं और मेरा शायराना अंदाज-७

१-मेरे आंसूओ की कीमत वे क्या समझेंगे जिनके आँखों में पानी न हो
जब भरेंगी आँखे भी उनकी आंसूओ से तब मेरे आंसूओ का एहसास होगा
२ -भरोषा भी करने से डरता हूँ प्यार तो दूर की बात हैं
एक गलती करके देख लिया अब ये दुहराने से डरता हूँ
३ -मत होइएगा खफा मुझसे बहुत तकलीफ होती  हैं
जान नहीं जाती हैं मगर  आंसू निकल आते हैं
४-खुद से मैंने एक सवाल किया था अब तक न जवाब मिल पाया 
जिसको मैंने दिलो जान से चाहा था उसका अब तक तो  न हां मिल पाया

Sunday 3 June 2012

जिन्दगी की राह

ये जिन्दगी की राह भी कई राह दिखाती हैं
कभी इस राह पे ले आती हैं
तो कभी उस राह पे चलाती हैं
कभी मंजिल से दूर पहुचाती हैं
तो कभी मंजिल के करीब ले आती हैं
ये जिन्दगी की राह भी कई राह दिखाती हैं
किसी को सही राह दिखाती हैं
तो किसी को गलत राहों पे भटकाती हैं
ये जिन्दगी की राह भी कई राह दिखाती हैं
कोई अपना राहों पे बन जाता हैं
तो कोई बेगाना राहों पे हो जाता हैं
ये जिन्दगी की राह भी कई राह दिखाती हैं