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बचपन से लिखने का शौक हैं कभी-कभी सोचकर लिखता हूँ तो कभी-कभी सब्द खुद ही जहन में आकर लिखने को मजबूर करते हैं

Monday 30 April 2012

मतलबी आदमी

मतलब हैं तो फ़ोन करता हैं आदमी
बिना मतलब के कॉल करता नहीं हैं आदमी
सिर्फ मतलब पर ही ढूंढता हैं आदमी
बिना मतलब के कोई मतलब समझता नहीं हैं आदमी
काम हैं तो हाथ-गोर धोकर पीछा पड़ता हैं आदमी
काम निकलते ही मुंह मोड़ लेता हैं आदमी
सवाल हैं तो जवाब ढूंढता हैं आदमी
बिना सवाल के पास घूमता नहीं हैं आदमी
मुराद हैं तो माथा टेकता हैं आदमी
बिना मुराद के मंदिर नहीं जाता हैं आदमी
दुःख हैं तो सुमिरन करता हैं आदमी
बिना दुःख के भगवान को पूजता नहीं हैं आदमी
मतलब हैं तो फ़ोन करता हैं आदमी
बिना मतलब के कॉल करता नहीं हैं आदमी

महंगाई की मार से मर रहा आदमी हैं

महंगाई की मार से मर रहा आदमी हैं
पूछो नहीं कैसे जी रहा हैं आदमी
कभी खुद से कभी हालात से लड़ रहा हैं आदमी
पर जैसे भी हो जी रहा हैं आदमी
कोई अपने घर में भूखे सो रहा हैं
तो कोई चाहकर भी कुछ नहीं  कर पा रहा हैं
महंगाई की मार से मर रहा आदमी हैं
पूछो नहीं कैसे जी रहा हैं आदमी
पढाई भी अपनी पूरी नहीं कर पा रहा हैं आदमी
बीच में ही नौकरी ढूंड रहा हैं आदमी
मेहनत भी करके चैन से सो नहीं रहा हैं आदमी
जानवर की हाल में बस जी रहा हैं आदमी
महंगाई की मार से मर रहा आदमी हैं
पूछो नहीं कैसे जी रहा हैं आदमी

Sunday 29 April 2012

जानकर भी अनजान बनती हैं वो

जानकर भी अनजान बनती हैं वो
करती हैं प्यार,मगर जताती नहीं हैं वो
छुप-छुप के खिरकियो से देखती हैं वो
पर जब सामने आती हैं तो घबरा जाती हैं वो
कभी नजरे मिलाती हैं वो तो कभी नजरे चुराती हैं वो
जानकर भी अनजान बनती हैं वो
करती हैं प्यार,मगर जताती नहीं हैं वो
रुक-रुक के पीछे आती हैं वो
मैं रुका तो चलने का दिखावा करती हैं वो
कभी देखकर मुझको मुस्कुराती हैं वो
तो कभी मुस्कुराकर शरमा जाती हैं वो
जानकर भी अनजान बनती हैं वो
करती हैं प्यार,मगर जताती नहीं हैं वो

मैंने भी कभी प्यार किया था

मैंने भी कभी प्यार किया था
दिल कभी मैंने किसी को दिया था
मैंने भी कभी आँखे-चार किया था
ऐतबार कभी मैंने किसी पे किया था
मैंने भी कभी प्यार किया था
चाहा कभी मैंने किसी को पूजा था
मैंने भी कभी जा-निसार किया था
इज़हार कभी मैंने किसी से किया था 

मैंने भी कभी प्यार किया था
दिल कभी मैंने किसी को दिया था

मैं और मेरा शायराना अंदाज (६)

१ -सपने तो सभी देखते हैं पर पूरे किसी-किसी के होते हैं
प्यार तो सभी करते हैं पर इज़हार कोई -कोई कर पाते हैं
२ -जिन्दगी को जीने का मतलब जरुरी होता हैं जीने के वास्ते
वरना जिन्दगी जिन्दगी नहीं होता जीने के वास्ते
३- सपने सच हुआ नहीं करते जबतक  की कोशिश न की जाए
मंजिले मिला नहीं करती जबतक की रास्तों पर चला न जाए

मैं और मेरा शायराना अंदाज -(५ )

1-मुझे बस मुझ से प्यार हैं खुद पे बस ऐतबार हैं
नहीं करता मैं प्यार किसी से  प्यार बस बकवास हैं
2-उन्हें फिक्र नहीं होती जब करीब उनके होता हूँ
जब दूर उनसे होता हूँ  तो मेरी याद उन्हें आती हैं


आदमी को थोड़ा गंभीर होना चाहिए

आदमी को थोड़ा गंभीर होना चाहिए
थोड़ा उसे सहनशील होना चाहिए
क्रोध को अपने वश में करना चाहिए
लोभ ज्यादा नहीं करना चाहिए
थोड़ा उसे मोह- माया से दूर रहना चाहिए
नशे को आदत नहीं बनाना चाहिए
थोड़ा उसे दयालू होना चाहिए
धैर्य-धीरज नहीं खोना चाहिए
थोड़ा उसे सब्र से काम लेना चाहिए
शक ऐसे ही किसी पे नहीं करना चाहिए
थोड़ा  उसे शक से दूर रहना चाहिए
आदमी को थोड़ा गंभीर होना चाहिए
थोड़ा उसे सहनशील होना चाहिए

Wednesday 18 April 2012

मैं और मेरा शायराना अंदाज -(४)

१- जब मोहब्बत जवां होता हैं हर दिल में बस यही दुआ होता  हैं
पा ले उस मोहब्बत को जो अभी अभी जवां हुआ  हैं  .
२-मैं दूसरों के ख़ुशी के लिए खुद की ख़ुशी निछावर करता हूँ
यकीन नहीं मुझपे तो आजमा कर देखिये ये बात मैं सीना ठोक कर कहता हूँ
३ -कोई मिलता हैं फिर बिछरता क्यूँ हैं  यही जिन्दगी हैं तो ऐसी ये जिन्दगी क्यूँ हैं कोई अपना बनाके रुलाता क्यूँ हैं  अक्सर यही होता हैं तो ऐसा होता क्यूँ  हैं


Sunday 1 April 2012

माँ की याद में मन मेरा

माँ की याद में मन मेरा
रहता हैं ब्याकुल तन मेरा
करता हूँ चिंता दिन-रात मैं माँ की
माँ से ही सारा संसार मेरा
उस से ही घर बार मेरा
माँ की याद में मन मेरा
रहता हैं ब्याकुल तन मेरा
प्राथना करता हूँ माता-रानी से
रहे सलामत मेरी माँ हर बला से
उस से ही सारा जीवन मेरा
माँ की याद में मन मेरा
रहता हैं ब्याकुल तन मेरा

कुछ ऐसे ही (३ )

ख़ुशी के दो पल को जी भर जियो
पल भर में ये पल न हो खूब जियो
एक पल में फिर ये पल न हो सो जियो
ख़ुशी के दो पल को जी भर जियो
क्या पता ये पल फिर न आये सो जियो
कौन जाने ये ख़ुशी के पल कब आये 
क्या भरोसा एक पल में क्या हो जाए
पल का मजा पल भर में लेलो
पल भर में जाने ये पल न हो
एक पल में फिर ये पल न हो सो जियो
ख़ुशी के दो पल को जी भर जियो

मैं और मेरा शायराना अंदाज (३)

१ -प्यार छुपाये नहीं छुपता ये वो आग  हैं जो लग जाए तो बुझाये नहीं  बुझता
२-प्यार की राह में सफ़र मैं भी करता हूँ पर मलाल हैं मुझको हमसफ़र नहीं पाता हूँ

वो दिन जाने कब आएगा

वो दिन जाने कब आएगा
जब दुःख दूर हो जाऐगा
सपने सभी के पूरे होंगे
कोई न भूखा रह पायेगा
सबको समान जीवन मिलेगा
एक समान अवसर मिलेगा
सबके घरों में दिये जलेंगे
किसी के घर में अँधेरा न होगा
वो दिन जाने कब आएगा
जब दुःख दूर हो जाऐगा
सबके चेहरे पे मुस्कान होंगी
कोई न मायूस रह पायेगा
सबको सबसे प्रेम मिलेगा
जीने का नया सन्देश मिलेगा
वो दिन जाने कब आएगा
जब दुःख दूर हो जाऐगा